5 ESSENTIAL ELEMENTS FOR HANUMAN CHALISA

5 Essential Elements For hanuman chalisa

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हाथ वज्र औ ध्वजा बिराजै। काँधे मूँज जनेऊ साजै॥

अर्थ - आपने श्री रामचन्द्र जी की अंगूठी मुँह मे रखकर समुद्र को लांघ लिया, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है।

भावार्थ – आपके भजन से लोग श्री राम को प्राप्त कर लेते हैं और अपने जन्म जन्मान्तर के दुःखाँ को भूल जाते हैं अर्थात् उन दु:खों से उन्हें मुक्ति मिल जाती है।

बरनउं रघुबर विमल जसु, जो दायकु फल चारि॥

तिन के काज सकल तुम साजा ॥२७॥ और मनोरथ जो कोई लावै ।

भावार्थ – श्री सनक, सनातन, सनन्दन, सनत्कुमार आदि मुनिगण, ब्रह्मा आदि देवगण, नारद, सरस्वती, शेषनाग, यमराज, कुबेर तथा समस्त दिक्पाल भी जब आपका यश कहने में असमर्थ हैं तो फिर (सांसारिक) विद्वान् तथा कवि उसे कैसे कह सकते हैं? अर्थात् आपका यश अवर्णनीय है।

भावार्थ – भूत–पिशाच आदि आपका ‘महावीर’ नाम सुनते ही (नामोच्चारण करने वाले के) read more समीप नहीं आते हैं।

O Hanuman! All illnesses and all kinds of pain get eradicated when a person recites or chants Your name. as a result, chanting Your identify regularly is considered to be really considerable.

व्याख्या — गोस्वामी श्री तुलसीदास जी की ‘कवितावली’ में ‘अमित जीवन फल’ का वर्णन इस प्रकार है –

आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै॥

आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै॥

अर्थ - अन्त समय श्री रघुनाथ जी के धाम को जाते हैं और यदि फिर भी जन्म लेंगे तो भक्ति करेंगे और श्री राम भक्त कहलायेंगे।

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया॥

Oh mighty valorous 1, of wonderful deeds whose human body organs are as sturdy as Diamond (or the weapon of God Indra). remedy my terrible mind oh companion of These with pure (very good) thoughts.

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